अभी -२ समाचार पढ़ रहा था जिसमें हमारे एक संसद सदस्य को न्यायालय ने जेल से निकल कर संसद की बैठक में भाग लेने की अनुमति प्रदान की है। और फिर अचानक मेरे मन में आया कि कैसे आज के नेता जेल से आते हुए ऐसा भाव देते हैं जैसे देश की आजादी की लड़ाई में लड़ते हुए जेल की सज़ा काट कर बाहर आ रहे हों। अब तो जेल में आना जाना भी जैसे STATUS SYMBOL बन गया है। सभी में होड़ सी लगी हुई है कि कब मुझे भी मौक़ा मिले मोटी कमाई करने का और फिर तिहाड़ में VIP CELL में कुछ रातें बिताने का। सच.. सही तो है - "एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी।"
Monday, March 12, 2012
Thursday, December 30, 2010
Saturday, November 13, 2010
ज़िन्दगी.. मैंने तुझे बहुत करीब से देखा है|
ज़िन्दगी.. मैंने तुझे बहुत करीब से देखा है..
हाँ.. सच, मैंने तुझे और सिर्फ तुझे देखा है||
तन्हा गुज़र गयी वो वक़्त की गहराईयाँ,
बयां कर गयी वो तन्हाईयाँ..
वक़्त गुजरेगा कब.. मुझे बतला..
मौत से पहले ज़िन्दगी, रही सिर्फ तेरी परछाईयाँ||
हाँ ज़िन्दगी.. इन परछाईयों में,
मैंने तुझे बहुत करीब से देखा है|
वक़्त ठहरता नहीं.. और रंगत बदल जाती है,
हल्की आहट भी तेरे जाने की.. मुझे थरथराती है|
ले जाना नहीं साथ कुछ, फिर भी इतना सब बटोर लिया,
खाली हाथ जाना है.. इस सच्चाई पर ना गौर किया|
हाँ ज़िन्दगी.. इन सच्चाईयों में,
मैंने तुझे बहुत करीब से देखा है||
हाँ.. सच, मैंने तुझे और सिर्फ तुझे देखा है||
तन्हा गुज़र गयी वो वक़्त की गहराईयाँ,
बयां कर गयी वो तन्हाईयाँ..
वक़्त गुजरेगा कब.. मुझे बतला..
मौत से पहले ज़िन्दगी, रही सिर्फ तेरी परछाईयाँ||
हाँ ज़िन्दगी.. इन परछाईयों में,
मैंने तुझे बहुत करीब से देखा है|
वक़्त ठहरता नहीं.. और रंगत बदल जाती है,
हल्की आहट भी तेरे जाने की.. मुझे थरथराती है|
ले जाना नहीं साथ कुछ, फिर भी इतना सब बटोर लिया,
खाली हाथ जाना है.. इस सच्चाई पर ना गौर किया|
हाँ ज़िन्दगी.. इन सच्चाईयों में,
मैंने तुझे बहुत करीब से देखा है||
Friday, October 1, 2010
Living the most unlivable life
It's been the utter truth to me that a life one is being living around me is most unlivable. Don't mistaken yourself by the enormous means of entertainment or fun, but purely the authenticity of one's in himself as being a pure human.
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