Sunday, September 9, 2007

मैं... ख़ुद से अजनबी..

अपने ब्लॉग पर पहली बार कुछ लिख रहा हूँ| आज एक बार फ़िर मेरी भटकती सोच ने एक करवट ली है| शायद फ़िर से मन की गहराईयों में से कुछ उगल कर उपर आने को मचल रहा है| मन की लहरें फ़िर से उफान पर हैं| कहीं न कहीं मेरे दिमाग के भंवर में कुछ उथल-पुथल सी मची हुई है| पता नही, यह मन क्या कहना चाह रहा है| विचार इस कदर पनप रहे हैं की मेरे हाथों से लिखने की गति मंद पड़ गयी है| शायद इसीलिये मैंने इसका नाम "Subtle Thoughts" दिया है|