Monday, March 12, 2012

एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी।

अभी -२ समाचार पढ़ रहा था जिसमें हमारे एक संसद सदस्य को न्यायालय ने जेल से निकल कर संसद की बैठक में भाग लेने की अनुमति प्रदान की है। और फिर अचानक मेरे मन में आया कि कैसे आज के नेता जेल से आते हुए  ऐसा भाव देते हैं जैसे देश की आजादी की लड़ाई में लड़ते हुए जेल की सज़ा काट कर बाहर आ रहे हों। अब तो जेल में आना जाना भी जैसे STATUS SYMBOL बन गया है। सभी में होड़ सी लगी हुई है कि कब मुझे भी मौक़ा मिले मोटी कमाई करने का और फिर तिहाड़ में VIP CELL में कुछ रातें बिताने का। सच.. सही तो है - "एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी।"